रामायणम् — 6.51.3
Original
Segmented
शीघ्रम् खलु अभ्युपेतम् त्वाम् फलम् पापस्य कर्मणः निरयेषु एव पतनम् यथा दुष्कृत-कर्मणः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| शीघ्रम् | शीघ्रम् | pos=i |
| खलु | खलु | pos=i |
| अभ्युपेतम् | अभ्युपे | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| फलम् | फल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| पापस्य | पाप | pos=a,g=n,c=6,n=s |
| कर्मणः | कर्मन् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
| निरयेषु | निरय | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| एव | एव | pos=i |
| पतनम् | पतन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| यथा | यथा | pos=i |
| दुष्कृत | दुष्कृत | pos=n,comp=y |
| कर्मणः | कर्मन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |