रामायणम् — 6.56.11
Original
Segmented
ध्रुवम् अद्य एव संहृष्टा लब्ध-लक्ष्याः प्लवंगमाः आरोक्ष्यन्ति इह दुर्गाणि लङ्का-द्वाराणि सर्वशः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ध्रुवम् | ध्रुवम् | pos=i |
| अद्य | अद्य | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| संहृष्टा | संहृष् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| लब्ध | लभ् | pos=va,comp=y,f=part |
| लक्ष्याः | लक्ष्य | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| प्लवंगमाः | प्लवंगम | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| आरोक्ष्यन्ति | आरुह् | pos=v,p=3,n=p,l=lrt |
| इह | इह | pos=i |
| दुर्गाणि | दुर्ग | pos=a,g=n,c=2,n=p |
| लङ्का | लङ्का | pos=n,comp=y |
| द्वाराणि | द्वार | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| सर्वशः | सर्वशस् | pos=i |