रामायणम् — 6.6.13
Original
Segmented
बह्व्यो ऽपि मतयो गत्वा मन्त्रिणो हि अर्थ-निर्णये पुनः यत्र एकताम् प्राप्तः स मन्त्रो मध्यमः स्मृतः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| बह्व्यो | बहु | pos=a,g=f,c=1,n=p |
| ऽपि | अपि | pos=i |
| मतयो | मति | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| गत्वा | गम् | pos=vi |
| मन्त्रिणो | मन्त्रिन् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| हि | हि | pos=i |
| अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
| निर्णये | निर्णय | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| यत्र | यत्र | pos=i |
| एकताम् | एकता | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| प्राप्तः | प्राप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| मन्त्रो | मन्त्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| मध्यमः | मध्यम | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| स्मृतः | स्मृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |