रामायणम् — 6.70.20
Original
Segmented
यस्माद् अर्था विवर्धन्ते येषु अधर्मः प्रतिष्ठितः क्लिश्यन्ते धर्म-शीलाः च तस्माद् एतौ निरर्थकौ
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यस्माद् | यस्मात् | pos=i |
| अर्था | अर्थ | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| विवर्धन्ते | विवृध् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| येषु | यद् | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| अधर्मः | अधर्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| प्रतिष्ठितः | प्रतिष्ठा | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| क्लिश्यन्ते | क्लिश् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
| शीलाः | शील | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| च | च | pos=i |
| तस्माद् | तस्मात् | pos=i |
| एतौ | एतद् | pos=n,g=m,c=1,n=d |
| निरर्थकौ | निरर्थक | pos=a,g=m,c=1,n=d |