रामायणम् — 6.71.9
Original
Segmented
मनुज-इन्द्र-आर्त-रूपेण यद् उक्तवान् त्वम् हनूमता तद् अयुक्तम् अहम् मन्ये सागरस्य इव शोषणम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मनुज | मनुज | pos=n,comp=y |
| इन्द्र | इन्द्र | pos=n,comp=y |
| आर्त | आर्त | pos=a,comp=y |
| रूपेण | रूप | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| यद् | यत् | pos=i |
| उक्तवान् | वच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| हनूमता | हनुमन्त् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अयुक्तम् | अयुक्त | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| मन्ये | मन् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| सागरस्य | सागर | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| शोषणम् | शोषण | pos=n,g=n,c=2,n=s |