रामायणम् — 6.8.5
Original
Segmented
रक्षाम् च एव विधास्यामि वानराद् रजनीचर न आगमिष्यति ते दुःखम् किंचिद् आत्म-अपराध-जम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| रक्षाम् | रक्षा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| विधास्यामि | विधा | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| वानराद् | वानर | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| रजनीचर | रजनीचर | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| न | न | pos=i |
| आगमिष्यति | आगम् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| दुःखम् | दुःख | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| किंचिद् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| आत्म | आत्मन् | pos=n,comp=y |
| अपराध | अपराध | pos=n,comp=y |
| जम् | ज | pos=a,g=n,c=1,n=s |