रामायणम् — 6.82.4
Original
Segmented
दृष्ट्वा श्रुत्वा च संभ्रान्ता हत-शेषाः निशाचराः राक्षसी च समागम्य दीनाः चिन्ता-परिप्लुताः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
| श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
| च | च | pos=i |
| संभ्रान्ता | सम्भ्रम् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| हत | हन् | pos=va,comp=y,f=part |
| शेषाः | शेष | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| निशाचराः | निशाचर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| राक्षसी | राक्षसी | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| च | च | pos=i |
| समागम्य | समागम् | pos=vi |
| दीनाः | दीन | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| चिन्ता | चिन्ता | pos=n,comp=y |
| परिप्लुताः | परिप्लु | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |