रामायणम् — 6.98.18
Original
Segmented
अशृण्वता तु सुहृदाम् सततम् हित-वादिनाम् एताः समम् इदानीम् ते वयम् आत्मा च पातिताः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अशृण्वता | अशृण्वत् | pos=a,g=m,c=3,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| सुहृदाम् | सुहृद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| सततम् | सततम् | pos=i |
| हित | हित | pos=a,comp=y |
| वादिनाम् | वादिन् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
| एताः | एतद् | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| समम् | समम् | pos=i |
| इदानीम् | इदानीम् | pos=i |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| वयम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=p |
| आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| पातिताः | पातय् | pos=va,g=f,c=1,n=p,f=part |