रामायणम् — 7.11.32
Original
Segmented
स क्रोधेन मया च उक्तवान् ध्वंसस्व इति पुनः पुनः श्रेयः-अभियुक्तम् धर्म्यम् च शृणु पुत्र वचो मम
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| क्रोधेन | क्रोध | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| च | च | pos=i |
| उक्तवान् | वच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| ध्वंसस्व | ध्वंस् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| इति | इति | pos=i |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| श्रेयः | श्रेयस् | pos=n,comp=y |
| अभियुक्तम् | अभियुज् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
| धर्म्यम् | धर्म्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| शृणु | श्रु | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| पुत्र | पुत्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| वचो | वचस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |