रामायणम् — 7.13.7
Original
Segmented
तत्र निद्राम् समाविष्टः कुम्भकर्णो निशाचरः बहूनि अब्द-सहस्राणि शयानो न अवबुध्यते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तत्र | तत्र | pos=i |
| निद्राम् | निद्रा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| समाविष्टः | समाविश् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| कुम्भकर्णो | कुम्भकर्ण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| निशाचरः | निशाचर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| बहूनि | बहु | pos=a,g=n,c=2,n=p |
| अब्द | अब्द | pos=n,comp=y |
| सहस्राणि | सहस्र | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| शयानो | शी | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| न | न | pos=i |
| अवबुध्यते | अवबुध् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |