रामायणम् — 7.15.1
Original
Segmented
ततस् तान् विद्रुतान् दृष्ट्वा यक्षान् शत-सहस्रशस् स्वयम् एव धनाध्यक्षो निर्जगाम रणम् प्रति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ततस् | ततस् | pos=i |
| तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| विद्रुतान् | विद्रु | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
| दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
| यक्षान् | यक्ष | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| शत | शत | pos=n,comp=y |
| सहस्रशस् | सहस्रशस् | pos=i |
| स्वयम् | स्वयम् | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| धनाध्यक्षो | धनाध्यक्ष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| निर्जगाम | निर्गम् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| रणम् | रण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| प्रति | प्रति | pos=i |