रामायणम् — 7.15.14
Original
Segmented
मया त्वम् वार्यमाणो ऽपि न अवगच्छसि दुर्मते पश्चाद् अस्य फलम् प्राप्य ज्ञास्यसे निरयम् गतः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| वार्यमाणो | वारय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| ऽपि | अपि | pos=i |
| न | न | pos=i |
| अवगच्छसि | अवगम् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| दुर्मते | दुर्मति | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| पश्चाद् | पश्चात् | pos=i |
| अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| फलम् | फल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
| ज्ञास्यसे | ज्ञा | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |
| निरयम् | निरय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| गतः | गम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |