रामायणम् — 7.17.28
Original
Segmented
एवम् उक्त्वा प्रविष्टा सा ज्वलन्तम् वै हुताशनम् पपात च दिवो दिव्या पुष्प-वृष्टिः समन्ततः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| एवम् | एवम् | pos=i |
| उक्त्वा | वच् | pos=vi |
| प्रविष्टा | प्रविश् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| सा | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| ज्वलन्तम् | ज्वल् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| वै | वै | pos=i |
| हुताशनम् | हुताशन | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| पपात | पत् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| च | च | pos=i |
| दिवो | दिव् | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| दिव्या | दिव्य | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| पुष्प | पुष्प | pos=n,comp=y |
| वृष्टिः | वृष्टि | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| समन्ततः | समन्ततः | pos=i |