रामायणम् — 7.19.15
Original
Segmented
तस्य बाणाः पतन्तः ते चक्रिरे न क्षतम् क्वचित् वारि-धाराः इव अभ्रेभ्यः पतन्त्यो नग-मूर्ध्नि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| बाणाः | बाण | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| पतन्तः | पत् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| चक्रिरे | कृ | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
| न | न | pos=i |
| क्षतम् | क्षत | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| क्वचित् | क्वचिद् | pos=i |
| वारि | वारि | pos=n,comp=y |
| धाराः | धारा | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| इव | इव | pos=i |
| अभ्रेभ्यः | अभ्र | pos=n,g=n,c=5,n=p |
| पतन्त्यो | पत् | pos=va,g=f,c=1,n=p,f=part |
| नग | नग | pos=n,comp=y |
| मूर्ध्नि | मूर्धन् | pos=n,g=m,c=7,n=s |