रामायणम् — 7.20.18
Original
Segmented
मया हि भगवन् क्रोधात् प्रतिज्ञातम् रण-अर्थिना अवजेष्यामि चतुरो लोकपालान् इति प्रभो
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| भगवन् | भगवत् | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| क्रोधात् | क्रोध | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| प्रतिज्ञातम् | प्रतिज्ञा | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| रण | रण | pos=n,comp=y |
| अर्थिना | अर्थिन् | pos=a,g=m,c=3,n=s |
| अवजेष्यामि | अवजि | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| चतुरो | चतुर् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| लोकपालान् | लोकपाल | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| इति | इति | pos=i |
| प्रभो | प्रभु | pos=n,g=m,c=8,n=s |