रामायणम् — 7.23.11
Original
Segmented
राक्षसस्य सखि-त्वम् वै भवद्भिः सह रोचते अविभक्ता हि सर्व-अर्थाः सुहृदाम् न अत्र संशयः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| राक्षसस्य | राक्षस | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| सखि | सखी | pos=n,comp=y |
| त्वम् | त्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| वै | वै | pos=i |
| भवद्भिः | भवत् | pos=a,g=m,c=3,n=p |
| सह | सह | pos=i |
| रोचते | रुच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| अविभक्ता | अविभक्त | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| हि | हि | pos=i |
| सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
| अर्थाः | अर्थ | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| सुहृदाम् | सुहृद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| न | न | pos=i |
| अत्र | अत्र | pos=i |
| संशयः | संशय | pos=n,g=m,c=1,n=s |