रामायणम् — 7.23.5
Original
Segmented
निवात-कवचाः तत्र दैत्या लब्ध-वराः वसन् राक्षसः तान् समासाद्य युद्धेन समुपाह्वयत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| निवात | निवात | pos=a,comp=y |
| कवचाः | कवच | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| दैत्या | दैत्य | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| लब्ध | लभ् | pos=va,comp=y,f=part |
| वराः | वर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| वसन् | वस् | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
| राक्षसः | राक्षस | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| समासाद्य | समासादय् | pos=vi |
| युद्धेन | युद्ध | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| समुपाह्वयत् | समुपह्वा | pos=v,p=3,n=s,l=lan |