रामायणम् — 7.28.46
Original
Segmented
प्रयुध्यतोः अथ तयोः बाण-वर्षैः समन्ततः न अज्ञायत तदा किंचित् सर्वम् हि तमसा वृतम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्रयुध्यतोः | प्रयुध् | pos=va,g=m,c=6,n=d,f=part |
| अथ | अथ | pos=i |
| तयोः | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=d |
| बाण | बाण | pos=n,comp=y |
| वर्षैः | वर्ष | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| समन्ततः | समन्ततः | pos=i |
| न | न | pos=i |
| अज्ञायत | ज्ञा | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| तदा | तदा | pos=i |
| किंचित् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| सर्वम् | सर्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| तमसा | तमस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| वृतम् | वृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |