रामायणम् — 7.32.71
Original
Segmented
राक्षसान् त्रासयित्वा तु कार्तवीर्य-अर्जुनः तदा रावणम् गृह्य नगरम् प्रविवेश सुहृद्-वृतः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| राक्षसान् | राक्षस | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| त्रासयित्वा | त्रासय् | pos=vi |
| तु | तु | pos=i |
| कार्तवीर्य | कार्तवीर्य | pos=n,comp=y |
| अर्जुनः | अर्जुन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तदा | तदा | pos=i |
| रावणम् | रावण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| गृह्य | ग्रह् | pos=vi |
| नगरम् | नगर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्रविवेश | प्रविश् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| सुहृद् | सुहृद् | pos=n,comp=y |
| वृतः | वृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |