रामायणम् — 7.33.21
Original
Segmented
एवम् स रावणः प्राप्तः कार्तवीर्यात् तु धर्षणात् पुलस्त्य-वचनात् च अपि पुनः मोक्षम् अवाप्तवान्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| एवम् | एवम् | pos=i |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| रावणः | रावण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| प्राप्तः | प्राप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| कार्तवीर्यात् | कार्तवीर्य | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| धर्षणात् | धर्षण | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| पुलस्त्य | पुलस्त्य | pos=n,comp=y |
| वचनात् | वचन | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| च | च | pos=i |
| अपि | अपि | pos=i |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| मोक्षम् | मोक्ष | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अवाप्तवान् | अवाप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |