रामायणम् — 7.34.17
Original
Segmented
इति एवम् मतिम् आस्थाय वाली कर्णम् उपाश्रितः जपन् वै नैगमान् मन्त्रान् तस्थौ पर्वतराड् इव
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| इति | इति | pos=i |
| एवम् | एवम् | pos=i |
| मतिम् | मति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| आस्थाय | आस्था | pos=vi |
| वाली | वालिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| कर्णम् | कर्ण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| उपाश्रितः | उपाश्रि | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| जपन् | जप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| वै | वै | pos=i |
| नैगमान् | नैगम | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| मन्त्रान् | मन्त्र | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| तस्थौ | स्था | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| पर्वतराड् | पर्वतराज् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| इव | इव | pos=i |