रामायणम् — 7.34.30
Original
Segmented
तत्र अपि संध्याम् अन्वास्य वासविः स हरि-ईश्वरः किष्किन्धा-अभिमुखः गृह्य रावणम् पुनः आगमत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तत्र | तत्र | pos=i |
| अपि | अपि | pos=i |
| संध्याम् | संध्या | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| अन्वास्य | अन्वास् | pos=vi |
| वासविः | वासवि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| हरि | हरि | pos=n,comp=y |
| ईश्वरः | ईश्वर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| किष्किन्धा | किष्किन्धा | pos=n,comp=y |
| अभिमुखः | अभिमुख | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| गृह्य | ग्रह् | pos=vi |
| रावणम् | रावण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| आगमत् | आगम् | pos=v,p=3,n=s,l=lun |