रामायणम् — 7.5.22
Original
Segmented
त्रिंशत्-योजन-विस्तीर्णा स्वर्ण-प्राकार-तोरणा मया लङ्का इति नगरी शक्र-आज्ञप्तेन निर्मिता
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| त्रिंशत् | त्रिंशत् | pos=n,comp=y |
| योजन | योजन | pos=n,comp=y |
| विस्तीर्णा | विस्तृ | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| स्वर्ण | स्वर्ण | pos=n,comp=y |
| प्राकार | प्राकार | pos=n,comp=y |
| तोरणा | तोरण | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| लङ्का | लङ्का | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| नगरी | नगरी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| शक्र | शक्र | pos=n,comp=y |
| आज्ञप्तेन | आज्ञपय् | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |
| निर्मिता | निर्मा | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |