रामायणम् — 7.5.26
Original
Segmented
दृढ-प्राकार-परिखाम् हैमैः गृह-शतैः वृताम् लङ्काम् अवाप्य ते हृष्टा विहरन्ति निशाचराः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| दृढ | दृढ | pos=a,comp=y |
| प्राकार | प्राकार | pos=n,comp=y |
| परिखाम् | परिखा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| हैमैः | हैम | pos=a,g=n,c=3,n=p |
| गृह | गृह | pos=n,comp=y |
| शतैः | शत | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| वृताम् | वृ | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
| लङ्काम् | लङ्का | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| अवाप्य | अवाप् | pos=vi |
| ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| हृष्टा | हृष् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| विहरन्ति | विहृ | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| निशाचराः | निशाचर | pos=n,g=m,c=1,n=p |