रामायणम् — 7.5.3
Original
Segmented
वर-दान-कृत-ऐश्वर्यम् सा तम् प्राप्य पतिम् प्रियम् आसीद् देववती तुष्टा धनम् प्राप्य इव निर्धनः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वर | वर | pos=n,comp=y |
| दान | दान | pos=n,comp=y |
| कृत | कृ | pos=va,comp=y,f=part |
| ऐश्वर्यम् | ऐश्वर्य | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| सा | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
| पतिम् | पति | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| प्रियम् | प्रिय | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| आसीद् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| देववती | देववती | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| तुष्टा | तुष् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| धनम् | धन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
| इव | इव | pos=i |
| निर्धनः | निर्धन | pos=a,g=m,c=1,n=s |