रामायणम् — 7.51.8
Original
Segmented
आर्यस्य आज्ञाम् पुरस्कृत्य विसृज्य जनकात्मजाम् गङ्गा-तीरे यथा उद्दिष्टे वाल्मीकेः आश्रमे शुभे पुनः अस्मि आगतः वीर पाद-मूलम् उपासितुम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| आर्यस्य | आर्य | pos=a,g=m,c=6,n=s |
| आज्ञाम् | आज्ञा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| पुरस्कृत्य | पुरस्कृ | pos=vi |
| विसृज्य | विसृज् | pos=vi |
| जनकात्मजाम् | जनकात्मजा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| गङ्गा | गङ्गा | pos=n,comp=y |
| तीरे | तीर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| यथा | यथा | pos=i |
| उद्दिष्टे | उद्दिश् | pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part |
| वाल्मीकेः | वाल्मीकि | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| आश्रमे | आश्रम | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| शुभे | शुभ | pos=a,g=m,c=7,n=s |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| अस्मि | अस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| आगतः | आगम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| वीर | वीर | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| पाद | पाद | pos=n,comp=y |
| मूलम् | मूल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| उपासितुम् | उपास् | pos=vi |