रामायणम् — 7.54.18
Original
Segmented
यो हि वंशम् समुत्पाट्य पार्थिवस्य पुनः क्षये न विधत्ते नृपम् तत्र नरकम् स निगच्छति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| वंशम् | वंश | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| समुत्पाट्य | समुत्पाटय् | pos=vi |
| पार्थिवस्य | पार्थिव | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| क्षये | क्षय | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| न | न | pos=i |
| विधत्ते | विधा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| नृपम् | नृप | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| नरकम् | नरक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| निगच्छति | निगम् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |