रामायणम् — 7.59.15
Original
Segmented
आमन्त्र्य तु सहस्राक्षम् ह्रिया किंचिद् अवाङ्मुखः पुनः एव आगमत् श्रीमान् इमम् लोकम् नरेश्वरः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| आमन्त्र्य | आमन्त्रय् | pos=vi |
| तु | तु | pos=i |
| सहस्राक्षम् | सहस्राक्ष | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| ह्रिया | ह्री | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| किंचिद् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अवाङ्मुखः | अवाङ्मुख | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| आगमत् | आगम् | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
| श्रीमान् | श्रीमत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| इमम् | इदम् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| लोकम् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| नरेश्वरः | नरेश्वर | pos=n,g=m,c=1,n=s |