रामायणम् — 7.71.13
Original
Segmented
प्रसादम् कुरु सुश्रोणि न कालम् क्षेप्तुम् अर्हसि त्वद्-कृते हि मम प्राणा विदीर्यन्ते शुभ-आनने
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्रसादम् | प्रसाद | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| कुरु | कृ | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| सुश्रोणि | सुश्रोणी | pos=n,g=f,c=8,n=s |
| न | न | pos=i |
| कालम् | काल | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| क्षेप्तुम् | क्षिप् | pos=vi |
| अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| त्वद् | त्वद् | pos=n,comp=y |
| कृते | कृते | pos=i |
| हि | हि | pos=i |
| मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| प्राणा | प्राण | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| विदीर्यन्ते | विदृ | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| शुभ | शुभ | pos=a,comp=y |
| आनने | आनन | pos=n,g=f,c=8,n=s |