रामायणम् — 7.72.2
Original
Segmented
सो ऽपश्यद् अरजाम् दीनाम् रजसा समभिप्लुताम् ज्योत्स्नाम् इव अरुण-ग्रसिताम् प्रत्यूषे न विराजतीम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽपश्यद् | पश् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| अरजाम् | अरजा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| दीनाम् | दीन | pos=a,g=f,c=2,n=s |
| रजसा | रजस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| समभिप्लुताम् | समभिप्लु | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
| ज्योत्स्नाम् | ज्योत्स्ना | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| अरुण | अरुण | pos=n,comp=y |
| ग्रसिताम् | ग्रस् | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
| प्रत्यूषे | प्रत्यूष | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| न | न | pos=i |
| विराजतीम् | विराज् | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |