रामायणम् — 7.72.3
Original
Segmented
तस्य रोषः समभवत् क्षुधा-आर्तस्य विशेषतः निर्दहन्न् इव लोकान् त्रीन् शिष्यान् च इदम् उवाच ह
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| रोषः | रोष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| समभवत् | सम्भू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| क्षुधा | क्षुधा | pos=n,comp=y |
| आर्तस्य | आर्त | pos=a,g=m,c=6,n=s |
| विशेषतः | विशेषतः | pos=i |
| निर्दहन्न् | निर्दह् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| इव | इव | pos=i |
| लोकान् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| त्रीन् | त्रि | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| शिष्यान् | शिष्य | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| च | च | pos=i |
| इदम् | इदम् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| ह | ह | pos=i |