रामायणम् — 7.74.5
Original
Segmented
इष्ट्वा तु राजसूयेन मित्रः शत्रु-निबर्हणः सु हुतेन सु यज्ञेन वरुण-त्वम् उपागमत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| इष्ट्वा | यज् | pos=vi |
| तु | तु | pos=i |
| राजसूयेन | राजसूय | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| मित्रः | मित्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| शत्रु | शत्रु | pos=n,comp=y |
| निबर्हणः | निबर्हण | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| सु | सु | pos=i |
| हुतेन | हु | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |
| सु | सु | pos=i |
| यज्ञेन | यज्ञ | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| वरुण | वरुण | pos=n,comp=y |
| त्वम् | त्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| उपागमत् | उपागम् | pos=v,p=3,n=s,l=lun |