रामायणम् — 7.77.3
Original
Segmented
सो ऽन्तम् आश्रित्य लोकानाम् नष्ट-सञ्ज्ञः विचेतनः कालम् तत्र अवसत् कंचिद् वेष्टमानो यथा उरगः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽन्तम् | अन्त | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| आश्रित्य | आश्रि | pos=vi |
| लोकानाम् | लोक | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| नष्ट | नश् | pos=va,comp=y,f=part |
| सञ्ज्ञः | संज्ञा | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| विचेतनः | विचेतन | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| कालम् | काल | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| अवसत् | वस् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| कंचिद् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| वेष्टमानो | वेष्ट् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| यथा | यथा | pos=i |
| उरगः | उरग | pos=n,g=m,c=1,n=s |