रामायणम् — 7.89.15
Original
Segmented
पित्र्याणि बहु-रत्नानि यज्ञान् परम-दुस्तरान् चकार रामो धर्म-आत्मा पितॄन् देवान् विवर्धयन्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| पित्र्याणि | पित्र्य | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| बहु | बहु | pos=a,comp=y |
| रत्नानि | रत्न | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| यज्ञान् | यज्ञ | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| परम | परम | pos=a,comp=y |
| दुस्तरान् | दुस्तर | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| चकार | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| रामो | राम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
| आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| पितॄन् | पितृ | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| देवान् | देव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| विवर्धयन् | विवर्धय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |