रामायणम् — 7.98.22
Original
Segmented
यावत् प्रजा धरिष्यन्ति तावत् त्वम् वै विभीषण राक्षस-इन्द्र महा-वीर्यैः लङ्का-स्थः स्वम् धरिष्यसि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यावत् | यावत् | pos=i |
| प्रजा | प्रजा | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| धरिष्यन्ति | धृ | pos=v,p=3,n=p,l=lrt |
| तावत् | तावत् | pos=i |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| वै | वै | pos=i |
| विभीषण | विभीषण | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| राक्षस | राक्षस | pos=n,comp=y |
| इन्द्र | इन्द्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| वीर्यैः | वीर्य | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| लङ्का | लङ्का | pos=n,comp=y |
| स्थः | स्थ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| स्वम् | स्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| धरिष्यसि | धृ | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |