सौन्दरनन्दम् — 14.16
Original
Segmented
प्लवम् यत्नाद् यथा कश्चिद् बध्नीयाद् धारयेत् अपि न तद्-स्नेहेन यावत् तु महा-ओघस्य उत्तितीर्षया
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्लवम् | प्लव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| यत्नाद् | यत्न | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| यथा | यथा | pos=i |
| कश्चिद् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| बध्नीयाद् | बन्ध् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| धारयेत् | धारय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| अपि | अपि | pos=i |
| न | न | pos=i |
| तद् | तद् | pos=n,comp=y |
| स्नेहेन | स्नेह | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| यावत् | यावत् | pos=i |
| तु | तु | pos=i |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| ओघस्य | ओघ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| उत्तितीर्षया | उत्तितीर्षा | pos=n,g=f,c=3,n=s |