सौन्दरनन्दम् — 15.10
Original
Segmented
तृप्तिम् वित्त-प्रकर्षेण स्वर्ग-अवाप्त्या कृतार्थ-ताम् कामेभ्यः च सुख-उत्पत्तिम् यः पश्यति स नश्यति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तृप्तिम् | तृप्ति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| वित्त | वित्त | pos=n,comp=y |
| प्रकर्षेण | प्रकर्ष | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| स्वर्ग | स्वर्ग | pos=n,comp=y |
| अवाप्त्या | अवाप्ति | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| कृतार्थ | कृतार्थ | pos=a,comp=y |
| ताम् | ता | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| कामेभ्यः | काम | pos=n,g=m,c=5,n=p |
| च | च | pos=i |
| सुख | सुख | pos=n,comp=y |
| उत्पत्तिम् | उत्पत्ति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| पश्यति | पश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| नश्यति | नश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |