सौन्दरनन्दम् — 15.17
Original
Segmented
तस्मात् सर्वेषु भूतेषु मैत्रीम् कारुण्यम् एव च न व्यापादम् विहिंसाम् वा विकल्पयितुम् अर्हसि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
| सर्वेषु | सर्व | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| भूतेषु | भूत | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| मैत्रीम् | मैत्री | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| कारुण्यम् | कारुण्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| च | च | pos=i |
| न | न | pos=i |
| व्यापादम् | व्यापाद | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| विहिंसाम् | विहिंसा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| वा | वा | pos=i |
| विकल्पयितुम् | विकल्पय् | pos=vi |
| अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |