सौन्दरनन्दम् — 15.45
Original
Segmented
क्वचिद् शीतम् क्वचिद् घर्मः क्वचिद् रोगो भयम् क्वचित् बाधते ऽभ्यधिकम् लोकम् तस्मात् अशरणम् जगत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| क्वचिद् | क्वचिद् | pos=i |
| शीतम् | शीत | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| क्वचिद् | क्वचिद् | pos=i |
| घर्मः | घर्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| क्वचिद् | क्वचिद् | pos=i |
| रोगो | रोग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| भयम् | भय | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| क्वचित् | क्वचिद् | pos=i |
| बाधते | बाध् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| ऽभ्यधिकम् | अभ्यधिक | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| लोकम् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
| अशरणम् | अशरण | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| जगत् | जगन्त् | pos=n,g=n,c=1,n=s |