सौन्दरनन्दम् — 16.24
Original
Segmented
दोष-क्षयः जातिषु यासु यस्य वैराग्यतः तासु न जायते सः दोष-आशयः तिष्ठति यस्य यत्र तस्य उपपत्तिः विवशस्य तत्र
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| दोष | दोष | pos=n,comp=y |
| क्षयः | क्षय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| जातिषु | जाति | pos=n,g=f,c=7,n=p |
| यासु | यद् | pos=n,g=f,c=7,n=p |
| यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| वैराग्यतः | वैराग्य | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| तासु | तद् | pos=n,g=f,c=7,n=p |
| न | न | pos=i |
| जायते | जन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| सः | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| दोष | दोष | pos=n,comp=y |
| आशयः | आशय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तिष्ठति | स्था | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| यत्र | यत्र | pos=i |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| उपपत्तिः | उपपत्ति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| विवशस्य | विवश | pos=a,g=m,c=6,n=s |
| तत्र | तत्र | pos=i |