सौन्दरनन्दम् — 17.39
Original
Segmented
द्वेष-आयुधम् क्रोध-विकीर्ण-बाणम् व्यापादम् अन्तः प्रसवम् सपत्नम् मैत्री-पृषत्कैः धृति-तूण-संस्थैः क्षमा-धनुः-ज्या-विसृतैः जघान
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| द्वेष | द्वेष | pos=n,comp=y |
| आयुधम् | आयुध | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| क्रोध | क्रोध | pos=n,comp=y |
| विकीर्ण | विकृ | pos=va,comp=y,f=part |
| बाणम् | बाण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| व्यापादम् | व्यापाद | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अन्तः | अन्तर् | pos=i |
| प्रसवम् | प्रसव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| सपत्नम् | सपत्न | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| मैत्री | मैत्री | pos=n,comp=y |
| पृषत्कैः | पृषत्क | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| धृति | धृति | pos=n,comp=y |
| तूण | तूण | pos=n,comp=y |
| संस्थैः | संस्थ | pos=a,g=m,c=3,n=p |
| क्षमा | क्षमा | pos=n,comp=y |
| धनुः | धनुस् | pos=n,comp=y |
| ज्या | ज्या | pos=n,comp=y |
| विसृतैः | विसृ | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
| जघान | हन् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |