सौन्दरनन्दम् — 2.38
Original
Segmented
व्यक्तम् अपि अर्थ-कृच्छ्रेषु न अधर्मिष्ठम् अतिष्ठिपत् प्रिय इति एव च अशक्तम् न संरागात् अवीवृधत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| व्यक्तम् | व्यक्त | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| अपि | अपि | pos=i |
| अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
| कृच्छ्रेषु | कृच्छ्र | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| न | न | pos=i |
| अधर्मिष्ठम् | अधर्मिष्ठ | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| अतिष्ठिपत् | स्थापय् | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
| प्रिय | प्रिय | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| च | च | pos=i |
| अशक्तम् | अशक्त | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| न | न | pos=i |
| संरागात् | संराग | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| अवीवृधत् | वृध् | pos=v,p=3,n=s,l=lun |