सौन्दरनन्दम् — 3.33
Original
Segmented
अनृतम् जगाद न च कश्चिद् ऋतम् अपि जजल्प न अप्रियम् श्लक्ष्णम् अपि च न जगौ अहितम् हितम् अपि उवाच न च पैशुनाय यत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अनृतम् | अनृत | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| जगाद | गद् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| न | न | pos=i |
| च | च | pos=i |
| कश्चिद् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऋतम् | ऋत | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| अपि | अपि | pos=i |
| जजल्प | जल्प् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| न | न | pos=i |
| अप्रियम् | अप्रिय | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| श्लक्ष्णम् | श्लक्ष्ण | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| अपि | अपि | pos=i |
| च | च | pos=i |
| न | न | pos=i |
| जगौ | गा | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| अहितम् | अहित | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| हितम् | हित | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| अपि | अपि | pos=i |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| न | न | pos=i |
| च | च | pos=i |
| पैशुनाय | पैशुन | pos=n,g=n,c=4,n=s |
| यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |