सौन्दरनन्दम् — 3.39
Original
Segmented
अकथंकथा गृहिण एव परम-परिशुद्ध-दृष्टयः स्रोतसि हि ववृतिरे बहवो रजसः तनु-त्वम् अपि चक्रिरे परे
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अकथंकथा | अकथंकथ | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| गृहिण | गृहिन् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| एव | एव | pos=i |
| परम | परम | pos=a,comp=y |
| परिशुद्ध | परिशुध् | pos=va,comp=y,f=part |
| दृष्टयः | दृष्टि | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| स्रोतसि | स्रोतस् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| ववृतिरे | वृत् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
| बहवो | बहु | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| रजसः | रजस् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
| तनु | तनु | pos=a,comp=y |
| त्वम् | त्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अपि | अपि | pos=i |
| चक्रिरे | कृ | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
| परे | पर | pos=n,g=m,c=1,n=p |