सौन्दरनन्दम् — 4.15
Original
Segmented
सा तेन चेष्टा-ललितेन भर्तुः शाठ्येन च अन्तः मनसा जहास भवेत् च रुष्टा किल नाम तस्मै ललाट-जिह्माम् भृकुटिम् चकार
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| सा | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| तेन | तद् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| चेष्टा | चेष्टा | pos=n,comp=y |
| ललितेन | ललित | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| भर्तुः | भर्तृ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| शाठ्येन | शाठ्य | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| च | च | pos=i |
| अन्तः | अन्तर् | pos=i |
| मनसा | मनस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| जहास | हस् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| च | च | pos=i |
| रुष्टा | रुष् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| किल | किल | pos=i |
| नाम | नाम | pos=i |
| तस्मै | तद् | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| ललाट | ललाट | pos=n,comp=y |
| जिह्माम् | जिह्म | pos=a,g=f,c=2,n=s |
| भृकुटिम् | भृकुटी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| चकार | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lit |