सौन्दरनन्दम् — 4.32
Original
Segmented
कृत्वा अञ्जलिम् मूर्धनि पद्म-कल्पम् ततः स कान्ताम् गमनम् ययाचे कर्तुम् गमिष्यामि गुरौ प्रणामम् माम् अभ्यनुज्ञातुम् इह अर्हसि इति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| कृत्वा | कृ | pos=vi |
| अञ्जलिम् | अञ्जलि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| मूर्धनि | मूर्धन् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| पद्म | पद्म | pos=n,comp=y |
| कल्पम् | कल्प | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| ततः | ततस् | pos=i |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| कान्ताम् | कान्ता | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| गमनम् | गमन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| ययाचे | याच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| कर्तुम् | कृ | pos=vi |
| गमिष्यामि | गम् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| गुरौ | गुरु | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| प्रणामम् | प्रणाम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| अभ्यनुज्ञातुम् | अभ्यनुज्ञा | pos=vi |
| इह | इह | pos=i |
| अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| इति | इति | pos=i |