शतकत्रयम् — 1.20
Original
Segmented
विद्या नाम नरस्य रूपम् अधिकम् प्रच्छन्न-गुपितम् धनम् विद्या भोग-करी यशः-सुख-करी विद्या गुरूणाम् गुरुः विद्या बन्धु-जनः विदेश-गमने विद्या परा देवता विद्या राजसु पूज्यते न तु धनम् विद्या-विहीनः पशुः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| विद्या | विद्या | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| नाम | नाम | pos=i |
| नरस्य | नर | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| रूपम् | रूप | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अधिकम् | अधिक | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| प्रच्छन्न | प्रच्छद् | pos=va,comp=y,f=part |
| गुपितम् | गुप् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| धनम् | धन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| विद्या | विद्या | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| भोग | भोग | pos=n,comp=y |
| करी | कर | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| यशः | यशस् | pos=n,comp=y |
| सुख | सुख | pos=n,comp=y |
| करी | कर | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| विद्या | विद्या | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| गुरूणाम् | गुरु | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| गुरुः | गुरु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| विद्या | विद्या | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| बन्धु | बन्धु | pos=n,comp=y |
| जनः | जन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| विदेश | विदेश | pos=n,comp=y |
| गमने | गमन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| विद्या | विद्या | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| परा | पर | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| देवता | देवता | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| विद्या | विद्या | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| राजसु | राजन् | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| पूज्यते | पूजय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| न | न | pos=i |
| तु | तु | pos=i |
| धनम् | धन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| विद्या | विद्या | pos=n,comp=y |
| विहीनः | विहा | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| पशुः | पशु | pos=n,g=m,c=1,n=s |