शतकत्रयम् — 1.33
Original
Segmented
कुसुम-स्तबकस्य इव द्वयी वृत्तिः मनस्विनः मूर्ध्नि वा सर्व-लोकस्य शीर्यते वन एव वा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| कुसुम | कुसुम | pos=n,comp=y |
| स्तबकस्य | स्तबक | pos=n,g=n,c=6,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| द्वयी | द्वयी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| वृत्तिः | वृत्ति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| मनस्विनः | मनस्विन् | pos=a,g=m,c=6,n=s |
| मूर्ध्नि | मूर्धन् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| वा | वा | pos=i |
| सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
| लोकस्य | लोक | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| शीर्यते | शृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| वन | वन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| वा | वा | pos=i |