शतकत्रयम् — 1.51
Original
Segmented
रे रे चातक स अवधान-मनसा मित्र क्षणम् श्रूयताम् अम्भोदा बहवो वसन्ति गगने सर्वे ऽपि न एतादृशाः केचिद् वृष्टिभिः आर्द्रयन्ति वसुधाम् गर्जन्ति केचिद् वृथा यम् यम् पश्यसि तस्य तस्य पुरतो मा ब्रूहि दीनम् वचः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| रे | रे | pos=i |
| रे | रे | pos=i |
| चातक | चातक | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| स | स | pos=i |
| अवधान | अवधान | pos=n,comp=y |
| मनसा | मनस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| मित्र | मित्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| क्षणम् | क्षण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| श्रूयताम् | श्रु | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
| अम्भोदा | अम्भोद | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| बहवो | बहु | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| वसन्ति | वस् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| गगने | गगन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| सर्वे | सर्व | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| ऽपि | अपि | pos=i |
| न | न | pos=i |
| एतादृशाः | एतादृश | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| केचिद् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| वृष्टिभिः | वृष्टि | pos=n,g=f,c=3,n=p |
| आर्द्रयन्ति | आर्द्रय् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| वसुधाम् | वसुधा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| गर्जन्ति | गर्ज् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| केचिद् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| वृथा | वृथा | pos=i |
| यम् | यद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| यम् | यद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| पश्यसि | पश् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| पुरतो | पुरतस् | pos=i |
| मा | मा | pos=i |
| ब्रूहि | ब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| दीनम् | दीन | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| वचः | वचस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |