शतकत्रयम् — 1.62
Original
Segmented
वाञ्छा सत्-जन-संगमे पर-गुणे प्रीतिः गुरौ नम्र-ता विद्यायाम् व्यसनम् स्व-योषित् रतिः लोक-अपवादात् भयम् भक्तिः शूलिनि शक्तिः आत्म-दमने संसर्ग-मुक्तिः खले येषु एते निवसन्ति निर्मल-गुणाः तेभ्यो नरेभ्यो नमः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वाञ्छा | वाञ्छा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| सत् | सत् | pos=a,comp=y |
| जन | जन | pos=n,comp=y |
| संगमे | संगम | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| पर | पर | pos=n,comp=y |
| गुणे | गुण | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| प्रीतिः | प्रीति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| गुरौ | गुरु | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| नम्र | नम्र | pos=a,comp=y |
| ता | ता | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| विद्यायाम् | विद्या | pos=n,g=f,c=7,n=s |
| व्यसनम् | व्यसन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| स्व | स्व | pos=a,comp=y |
| योषित् | योषित् | pos=n,g=f,c=7,n=s |
| रतिः | रति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| लोक | लोक | pos=n,comp=y |
| अपवादात् | अपवाद | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| भयम् | भय | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| भक्तिः | भक्ति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| शूलिनि | शूलिन् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| शक्तिः | शक्ति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| आत्म | आत्मन् | pos=n,comp=y |
| दमने | दमन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| संसर्ग | संसर्ग | pos=n,comp=y |
| मुक्तिः | मुक्ति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| खले | खल | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| येषु | यद् | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| एते | एतद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| निवसन्ति | निवस् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| निर्मल | निर्मल | pos=a,comp=y |
| गुणाः | गुण | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| तेभ्यो | तद् | pos=n,g=m,c=4,n=p |
| नरेभ्यो | नर | pos=n,g=m,c=4,n=p |
| नमः | नमस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |